shreekaya
Thursday, May 14, 2015
ईश्वर
जन्म लेना चाहती हूँ
नम्रता के तल पर....
विलिन आकाश की भंगिमाओं में शामिल
तुम्हारा चेहरा नही दिखता........
ईश्वर.......
श्री..........
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